सिवनी l आर्थिक संकट से जूझ रही मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार जब तक जियो शान से जियो कर्जा लेकर घी पियो की तर्ज पर कार्य कर रही है, लेकिन घी सिर्फ भाजपा नेताओं और अधिकारी पी रहें है, गरीब, मजदूर, किसानों के हिस्से में छाछ भी नहीं आ रहा है। प्रदेश सरकार प्रति माह 5 से 10 हजार करोड़ का कर्जा ले रही है मध्यप्रदेश सरकर पर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है। कांग्रेस की सरकार के समय 2003 में कांग्रेस सरकार में यह कर्ज मात्र 24 हजार करोड़ था। प्रदेश मे वित्तीय संकट सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण है प्रदेश सरकार आय के स्त्रोत पैदा न कर सिर्फ और सिर्फ कर्ज लेकर ही प्रदेश चलाना चाह रही है। वित्त विभाग द्वारा 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगा दी है, इन योजनाओं पर लगाई गई पाबंदी नगरी विकास एवं आवास योजनाओं की 8 योजनाएॅ है जिसमें कायाकल्प के अन्तर्गत सिवनी नगरपालिका में सड़को के डामरीकरण के लिए द्वितीय चरण की राशि आने की थी, जो कि अभी तक अप्राप्त है। इसी तरह महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसरचना निर्माण, शहरी विकास परियोजना पर रोक लगाई गई है इसके अलावा कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उर्पाजन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ऋण समाधान योजना, औद्योगिकरण अधोसरचना, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गो एवं अन्य मार्गो का नवीनीकरण, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों का रोजगार प्रशिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, मां तुझे प्रणाम, स्टेडियम एवं अधोसरचना जैसी योजनाएॅ शामिल है। कर्ज की कश्ती पर डोलता मध्यप्रदेश कर्मचारियो का डीए एरियस कर्मचारियों की तन्ख्वाह देने के लाले पडे़, जुलाई माह में वित्त विभाग ने 47 विभागो की 125 योजनाओं पर रोक लगाई थी, मध्यप्रदेश सरकार की अधिकांश योजनाएॅ कर्ज लेकर चल रही है। भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को कर्जदार प्रदेश बनाकर रख दिया है।
No comments:
Post a Comment