Friday, 25 September 2020

निजीकरण के विरोध में कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन।

सीहोर बड़ी संख्या में राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला संयोजक आकाश भैरवे के नेतृत्व में डिप्टी कलेक्टर प्रगति वर्मा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर कहा कि निजीकरण से देश के लिए भारी संकट उत्पन्न होने की संभावना है। निजीकरण से भारत के प्रत्येक नागरिक की आर्थिक स्थिति पूंजीपतियों के नियंत्रण में पहुंच जाएगी। नौजवान बेरोजगार युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निजीकरण को बंद किया जाए। प्रदेश संयोजक कमलेश दोहरे ने कहा कि 24 सितंबर 1932 को पुणे की यरवदा जेल में बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुई 10 वर्ष में अनारक्षित वर्गों की सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक व राजनीतिक स्तर पर समानता स्वतंत्रता व सामाजिक न्याय में व्याप्त गैर बराबरी भेदभाव को समाप्त किए जाने के समझौते को शून्य घोषित कर अनारक्षित वर्गों के लिए कम्युनल अवार्ड के अनुसार पृथक निर्वाचन 2 वोट का अधिकार अलग बस हाट को लागू किया जाना चाहिए। राजनीतिक आरक्षण को समाप्त किया जाए जिससे आरक्षित वर्ग स्वतंत्रत होकर अपने प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय आरक्षित वर्गों के हितों की रक्षा सुरक्षा हो सके। केंद्र प्रांतों के शासकीय विभागों में ओबीसी एस सी , एस टी, अल्पसंख्यक व सामान्य वर्ग के आरक्षण के अनुसार विशेष अभियान चलाकर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करे। लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतपत्र से मतदान की प्रक्रिया शुरू कराएं। ज्ञापन देने वालों में नवीन भेरबे, भवन सूर्यवंशी, के पी वर्मा, नारायण सिंह, लाल सिंह कटारिया, अरविंद मालवीय, देवेंद्र भारतीय, श्याम लाल मालवीय, रोहित अंसारी, सचिन सूर्यवंशी, शैलेंद्र तिवारी, राहुल कामले, पवन सूर्यवंशी, आदि उपस्थित थे।


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