दोपहर 12 बजे पहुंचे, भोजन में दाल-बाटी खाई, आराम करने के बाद दोपहर 3:15 पर ईसागढ़ हुए रवाना
गुना। तीन दिवसीय युवा संकल्प शिविर में आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को दोपहर का भोजन सदर बाजार में रहने वाले एक संघ पदाधिकारी के यहां किया। वे वहां करीब 3 घंटे रुके और इस दौरान भोजन में उन्होंने दाल-बाटी खाई। इससे पहले उन्होंने शिविर में आए 1300 से ज्यादा छात्रों को संबोधित किया। लंच के बाद वे ईसागढ़ स्थित आनंदपुर ट्रस्ट के आश्रम भी
संघ प्रमुख को भोजन में दाल बाटी परोसी गई। भोजन तैयार होने के बाद उनकी सुरक्षा टीम के एक सदस्य ने हर चीज को चखकर देखा। फिर उनकी निगरानी में ही खाना परोसा गया। छोटी से छोटी चीज जो भोजन में रखी गई, उसे उनकी निगरानी में ही लाकर दिया गया। भोजन के बाद उन्होंने कुछ देर विश्राम किया और 3 बजे के आसपास उन्हें चाय दी गई। इसके बाद वे ईसागढ़ रवाना हो गए।
घर में 40 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी रहे मौजूद
तीन दिवसीय युवा संकल्प शिविर की रूपरेखा 6 माह पूर्व ही बन गई थी। इस दौरान ही यह तय हुआ था कि संघ प्रमुख आरएसएस के सेवा प्रकल्पों का काम देख रहे अशोक अग्रवाल के यहां दोपहर का भोजन लेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें दोपहर 12 बजे के आसपास सदर बाजार स्थित श्री अग्रवाल के निवास पर पहुंचना था। चूंकि संघ प्रमुख काे जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, इसलिए उनके पहुंचने से 4 घंटे पहले ही उस घर को सुरक्षा कर्मियों ने अपनी निगरानी में ले लिया था। श्री अग्रवाल के बेटे गौरव ने बताया कि सुबह 8 बजे ही सुरक्षाकर्मी घर आ गए थे। उन्होंने उन 12 लोगों की सूची ले ली थी, जो घर में लंच के दौरान मौजूद रहेंगे। उनके अलावा किसी को भी अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई। उनके कमांडों ने घर के उस हर हिस्से की बारीकी से जांच की, जहां संघ प्रमुख को जाना था। घर की छत पर 8 बजे से लेकर दोपहर साढ़े 3 बजे तक हथियारबंद सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। इससे पहले सुबह 10 बजे एएसपी और कोतवाली टीआई ने भी आकर सुरक्षा का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे के बाद न तो घर में किसी को आने दिया गया, न ही बाहर जाने दिया।
साढ़े तीन घंटे ठप रहा शहर का व्यस्ततम बाजार
सराफा बाजार जैन मंदिर की गली के ठीक बाहर स्थित किसी घर में अगर सर्वोच्च सुरक्षा प्राप्त काेई व्यक्ति पहुंचेगा तो आम जनजीवन पर असर पड़ना तो तय ही था। यह शहर का सबसे व्यस्त और संकरी सड़क वाला बाजार है तो समस्या और ज्यादा बढ़ गई। उस पर संघ प्रमुख पूरे साढ़े 3 घंटे तक रुके और इस दौरान बाजार बाजार में साइकल तक को नहीं आने दिया जा रहा था। दूध लेकर आए एक व्यक्ति को भी साइकल नहीं ले जाने दी गई। सिर्फ पैदल आने-जाने वालों को ही उस हिस्से से गुजरने की इजाजत थी, जहां संघ प्रमुख ठहरे थे।
No comments:
Post a Comment