Friday, 31 January 2020

वित्त मंत्रालय / पिता के निधन के बाद भी अफसर घर नहीं जा सके, क्योंकि बजट पेश होने तक इससे जुड़े सभी लोग वित्त मंत्रालय में ही रहते हैं


  • वित्त मंत्रालय की प्रेस के डिप्टी मैनेजर कुलदीप कुमार शर्मा पिता के निधन के बाद भी घर नहीं गए, मंत्रालय ने ट्वीट कर उनकी तारीफ की

  • बजट पेश होने से दो दिन पहले वित्त मंत्रालय को सील कर दिया जाता है, संसद में बजट पेश होने के बाद ही इससे जुड़े लोगों को मंत्रालय से बाहर आने दिया जाता है

  • 1950 के बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था, जिसके बाद इसे दिल्ली की सिक्योरिटी प्रेस में छापा जाने लगानई दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर अपने एक अधिकारी कुलदीप कुमार शर्मा की तारीफ की है। 26 जनवरी को कुलदीप के पिता का निधन हो गया, इसके बावजूद वे घर नहीं गए। कुलदीप वित्त मंत्रालय की प्रेस में डिप्टी मैनेजर हैं। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता, तब तक बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती। यानी कुलदीप अब 1 फरवरी को ही बाहर निकल सकते हैं। बजट बनाने की प्रक्रिया आमतौर पर सितंबर से शुरू हो जाती है, जो 6 महीने तक चलती है। बजट दस्तावेज छपने की प्रक्रिया हलवा सेरेमनी से शुरू हो जाती है। इस बार हलवा सेरेमनी 20 जनवरी को हुई थी। हलवा सेरेमनी के बाद बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी वित्त मंत्रालय में ही रहते हैं। बजट पेश होने से दो दिन पहले मंत्रालय को सील कर दिया जाता है। संसद में बजट पेश हो जाने के बाद ही बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर आने दिया जाता है।


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