Friday, 31 January 2020

रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ा रहे वेंडर प्लेटफार्म का लायसेंस, ट्रेन में सामग्री बेच रहे वेंडर



रेलवे स्टेशन में रेलवे के नियमों की खुलेआम वेंडर धज्जियां उड़ा रहे है। ट्रेन में प्रतिबंधित होने के बावजूद प्लेटफार्म में खड़ी ट्रेन में अवैध रुप से चढ़कर वेंडर सामग्री बेचते है। रेलवे स्टेशन में चार कैंटीन स्टॉलोंं के रोजना एक दर्जन से अधिक वेंडर टे्रन पर सामग्री बेचते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार एजेंसी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है।





License of Vendor Platform, dismantling railway rules, Vendors selling material in trains


रीवा। रेलवे स्टेशन में रेलवे के नियमों की खुलेआम वेंडर धज्जियां उड़ा रहे है। ट्रेन में प्रतिबंधित होने के बावजूद प्लेटफार्म में खड़ी ट्रेन में अवैध रुप से चढ़कर वेंडर सामग्री बेचते है। रेलवे स्टेशन में चार कैंटीन स्टॉलोंं के रोजना एक दर्जन से अधिक वेंडर टे्रन पर सामग्री बेचते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार एजेंसी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है।


बताया जा रहा है यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे स्टेशन के अंदर बिकने वाले खाद्य व पेय पदार्थों की सूची जारी करता है। रेलवे के अधिकृत खाद्य पदार्थ ही प्लेटफार्म में बिक सकते हैं। इसके लिए अधिकृत वेंडर प्लेटफार्म के अंदर फेरी लगाकर स्टॉल की सामग्री बेच सकते हैं। लेकिन स्टॉलों के यह वेंडर ट्रेन के अंदर अवैध रुप से चढ़कर सामग्री विक्रय करते है। इसके बावजूद इन पर कामर्शियल विभाग एवं आरपीएफ कार्रवाई नहीं करता है। रेलवे एक्ट के तहत इन्हीं को अधिकार दिया गया है। रेलवे स्टेशन में कैंटीन संचालक व फुड प्लाजा के संचालन अपने अवैध वेंडरों से ट्रेनों में सामग्रियों को विक्रय करवाते है। इन पर औपचारिकता के नाम पर महीनें में एक दिन चालान काट कर कार्रवाई पूरी कर ली जाती है।


निर्धारित से अधिक वेंडर-
रेलवे स्टेशन में वर्तमान में एक कैंटीन व एक फुड प्लाजा सहित छह खाने पीने के स्टॉल है। इनमें कैंटीन संचालक एवं फुड प्लाजा अपनी सामग्री को बेचने के लिए प्लेटफार्म में वेंडर नियुक्त कर रखे है। दोनों को मिलाकर लगभग पांच वेंडर की अनुमति ले रखी है। इसके बावजूद यह इससे अधिक संख्या में वेंडर सामग्री बेचते है।


बिना रसीद के स्टेशन में खाद्य पदार्थ का विक्रय
रेलवे स्टेशन में सामग्री की गुणवत्ता एवं ओंवर चार्जिंग को लेकर बिना रसीद खाद पदार्थों का विक्रय प्रतिबंधित कर रखा है। इसका कड़ाई से पालन करने के लिए रेलवे नो बिल नो पेमेंट का नियम बनाया है। इसमें बिल नहीं देने पर यात्रियों को अधिकार दिया है कि वह सामग्री का पैसा अदा नहीं करे। इसके बावजूद इसका अमल स्टेशन में नहीं हो पा रहा है। स्थित यह है कि महज तीन फीसदी से कम रसीद कटती है।


पंद्रह की बॉटल 20 में -
रेलवे स्टेशन में रसीद नहीं देने के कारण सबसे अधिक पानी की बोतल में ओवर चार्जिंग वसूल करते है। स्टेशन में पंद्रह रुपए की पानी की बॉटल 20 रुपए में बेचते है। इसके अतिरिक्त कोलड्रिंक व अन्य पेय पदार्थों में भी ओवर चार्जिंग वसूल रहे हैं। इसके बावजूद कामिर्शियल विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है।


न कोई ड्रेस न नेम प्लेट
रेलवे स्टेशन में अधिकृत वेंडर को ड्रेस कोड एवं नेम प्लेट आवंटित किया जाता है। जिससे उनकी पहचान हो सके। लेकिन रेलवे स्टेशन में घूम में वेंडर बिना डे्रस
व नेम प्लेट लगाए घूम रहे हैं।



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