सतना. तलाशी के नाम पर रकम लूट लेने और अपनी ही बकाया रकम मांगने पर व्यवसायी को उसके ही प्रतिष्ठान में पीटने के मामलों पर जिलों की पुलिस चुप्पी साधे रही। जब पत्रिका ने पुलिस की कमी उजागर की तो रीवा जोन के आइजी चंचल शेखर सख्त हुए और उन्होंने सतना व सीधी के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाही के निर्देश दिए। नतीजा यह हुआ कि नागौद के अस्पताल में मरीज के परिजनों की जेब से रकम निकालकर भागने के बाद वापस करने वाले दो आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया। इनके साथ ही जिम्मेदार एसआइ को इसलिए सस्पेंड कर दिया कि उन्होंने इस गंभीर मामले की सूचना आला अधिकारियों को समय पर नहीं दी। इसी तरह शहर के कारोबारी से लूट के मामले में आरोपी सहायक उप निरीक्षक को सस्पेंड करना पड़ा है। सीधी जिले में मिठाई दुकान संचालित करने वाले कारोबारी और उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट करने पर विभागीय जांच बैठा दी गई है।
सस्पेंड के बाद अब एफआइआर का इंतजार
बदमाशों के साथ मिलकर एक पुलिस अधिकारी द्वारा कथित तौर से व्यवसाई के साथ लूट किए जाने के मामले को लेकर मध्य प्रदेश कूर्मि क्षत्रिय समाज ने मोर्चा खोला है। समाज के सदस्यों ने आइजी से भी इसकी शिकायत की है। जिसके बाद सहायक उप निरीक्षक आशेक सिंह सेंगर को एसपी रियाज इकबाल ने सस्पेंड कर दिया है। कोलगंवा थाना क्षेत्र के उतैली में रहने वाले राजेश सिंह कुर्मि क्षत्रिय समाज के जिला अध्यक्ष हैं। 20 जनवरी को राजेश के साथ लूट हुई है। करीब 10 की संख्या में आए बदमाशों ने इनकी गाड़ी रोककर लूट की घटना को अंजाम दिया। आरोप है कि लूट की इस घटना में एक एएसआई अशोक सिंह सेंगर भी शामिल था। राजेश सिंह ने बताया कि गाड़ी में गांजा होने की बात कहकर अशोक सिंह ने उनकी गाड़ी रोकी और जांच का नाटक किया इसी बीच उनके साथियों ने गाड़ी की डिक्की में रखे 1 लाख 90 हजार रुपए पार कर दिए। बोरा फैक्ट्री के पास फुटौंधी में हुई इस घटना में कार एमपी 19 जीए 1000 व कार एमपी 19 सीबी 3792 में सवार लोगों पर भी आरोप हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश कूर्मि क्षत्रिय समाज मुख्य वक्ता संगठन के संरक्षक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बताया कि एएसआइ के निलंबन से उनके आंदोलन पर फर्क नहीं पड़ेगा। अब भी मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकी है। एेसे में 1 फरवरी से आंदोलन की शुरुआत होगी। उसी दिन दोपहर 2 बजे शहर में एक रैली निकाली जाएगी। इसके बाद भी अगर एफआइआर नहीं होती तो 9 से 13 फरवरी तक क्रमिक अनशन होगा। इसका भी नतीजा यदि शून्य रहता है तो 14 फरवरी को एसपी ऑफिस का घेराव किया जाएगा। इतने के बाद भी बात नहीं बनी तो न्यायालय एवं मानवाधिकार आयोग की शरण ली जाएगी।
पुलिस की गुण्डागर्दी की विभागीय जांच
मंगलवार की रात करीब 9 बजे थाना कोतवाली सीधी के करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मियों ने छत्रसाल कॉम्पलेक्स स्थित राजस्थान मिष्ठान भंडार में जाकर दुकान संचालक व उसके कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी। इस घटना के बाद सीधी के जिला व्यापारी संघ ने पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से बताया था कि छत्रसाल कॉम्पलेक्स में संचालित राजस्थान स्वीट से 25 अक्टूबर 2019 को सिटी कोतवाली में पदस्थ आरक्षक शिवा द्विवेदी करीब साढ़े छ: हजार रुपए की मिठाइयां ले गया था। जिसका भुगतान सिटी कोतवाली की ओर से किया जाना बताया था, लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा था। 21 जनवरी 2020 की शाम राजस्थान मिष्ठान भंडार के संचालक ने आरक्षक शिवा द्विवेदी को मोबाइल पर फोन कर उक्त भुगतान के लिए कहा, लेकिन आरक्षक द्वारा दुकान संचालक के साथ गाली गलौज कर देख लेने की धमकी दी गई। इसी दिन रात करीब 9 बजे शिवा द्विवेदी अपने साथी आरक्षक प्रभात सिंह चंदेल समेत कई अन्य पुलिसकर्मी को लकर दुकान में पहुंचा और मारपीट शुरू कर दी। घटनाक्रम का वीडियो दुकान के सीसीटीवी कैमरे के साथ ही मौके पर मौजूद लोगों ने मोबाइल पर बनाया गया था। इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए आइजी ने विभागीय जांच बैठाई है। ताकि निष्पक्ष जांच कार्रवाही के बाद जो तथ्य सामने आएं उस आधार पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाही की जा सके। मामले में थाना प्रभारी की भूमिका भी जांची जाएगी।
जेब से रकम निकालने पर दरोगा समेत तीन निपटे
गोपाल टोला नागौद के रहने वाले लक्ष्मी प्रसाद वर्मा और इटौरा खुर्द गांव के निवासी राम भईया की जेब से रकम निकाली गई थी। इनकी पत्नी नागौद के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों अस्पताल परिसर में ही आग ताप रहे थे। तभी रात करीब एक बजे जीप में सवार होकर आए कुछ पुलिस कर्मियों ने गांजा तलाशी करने की बात कहते हुए जेब की तलाशी शुरू कर दी। जेब में जो रकम मिली उसे अपने पास रखकर पुलिस वाले चलते बने। राम भईया की जेब से 1100 रुपए और एक मुश्त बड़ी रकम लक्ष्मी की जेब से निकाली गई। इन दोनों का कहना है कि चौराहे तक मदद के लिए जाने पर डायल 100 का वाहन मिला। उसमें कोई पुलिस अधिकारी थे जिनको पूरी बात बताई। इसके बाद उन्होंने जीप सवार पुलिस के गस्ती दल को बुलाया और दोनों के रुपए वापस दिलाए। इस मामले में आइजी के निर्देश पर एसपी सतना ने नागौद थाना के आरक्षक 781 सुनील कंजर व आरक्षक 905 दिलीप यादव को सस्पेंड कर दिया है। जबकि मामले की सूचना समय पर विरष्ठ अधिकारियों को नहीं देने पर थाना नागौद के उप निरीक्षक आरपी त्रिपाठी को भी सस्पेंड कर दिया गया। इस पूरे मामले की जांच अब डीएसपी हिमाली सोनी कर रही हैं। यह बात सामने आई है कि छुट्टी लेने के बाद लगातार गैरहाजिर रहे आरक्षक सुनील कंजर कंजर को पहले ही एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था। लेकिन उसे थाना से लाइन की रवानगी नहीं दी गई और वह गस्ती दल में घूमते हुए जामा तलाशी के नाम पर रकम लूटता रहा।
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