Saturday, 28 September 2024

निजी यात्री बस में किराया भाड़ा को ले कर परिचालक की महिला से अभद्रता।

 परिवहन अधिकारी पल्ला झाड़ पुलिस में शिकायत करने की देती सलाह।

अशोक प्रजापत 



 थांदला-  जिले में  यात्री बसों की मनमानी, अवेध संचालन पर नियंत्रण तथा बिना परमिट,फिटनेस के चलने के साथ ही यात्री किराया परिवहन विभाग द्वारा तय नियमो के अनुसार लिए जाने  हेतु परिवहन विभाग हो कर यह नारी शक्ति स्वरूपा परिवहन अधिकारी पदस्थ हे किंतु जिले में चलने वाली अधिकांश निजी यात्री बसे परिवहन विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर न केवल यात्रियों का शोषण कर रही अपितु कई कंडम बड़े यात्रियों की जान से खिलवाड़ तक कर रही। बसों की हालत यह हे की इनमे ठूंस ठूंस कर क्षमता से अधिक यात्री बिठाए जाते ओर मनमाना किराया वसूला जाता। मामले की शिकायत परिवहन अधिकारी से करने पर पल्ला झाड़ पुलिस में शिकायत करने की सलाह देती बजाय अपने विभाग के अधीन संचालित होने वाली निजी यात्री बसों के मालिकों चालक परिचालको पर कार्यवाही करने के।

ऐसा ही मामला बीते माह रक्षाबंधन के अवसर पर एक निजी यात्री बस राज बस सर्विस क्रमांक एमपी 69 पी 0131 में 19 अगस्त को थांदला से झाबुआ तक अपने बच्चो के साथ सफर कर रही  थांदला निवासी महिला ललिता के साथ यात्रा के दौरान बस किराया को ले कर  परिचालक ने अभद्रता करते हुए कहा कि इस बस में किराया जो मांगा 50 रुपए ही लगेगा अन्यथा बच्चो सहित बस से उतर जाओ। महिला ने दो बच्चो सहित अपना कुल 120 रुपए किराया दिया था कंडक्टर द्वारा अभद्रता किए जाने के बाद 30 रुपए की ओर मांगने पर रक्षाबंधन हेतु जा रही महिला ललिता ने 30 रुपया और दे कर जब टिकिट की मांग की तो एक बार फिर कंडक्टर ने पल्ला झल्लाते हुए कहा कि हमारी बस में किसी प्रकार की टिकिट नही दी जाती हे। बाद में महिला ने अपने ससुराल पहुंच बात परिजनों को बताई तो परिजनों ने बस परिचालक से पूरा किराया अदा करने की टिकिट मांग करने पर पहले तो कंडक्टर आना कानी करता रहा फिर बहस बड़ती देख 3 टिकिट दिए उसने भी कंडक्टर ने अपने हस्ताक्षर नहीं किए नही टिकिट में छपे यात्रा किमी दर्ज किए और गोलमाल टिकिट पकड़ा दिए। इसकी शिकायत महिला ने परिवहन अधिकारी को दिनांक 30 अगस्त को की जिसकी एक प्रतिलिपि कलेक्टर को भी दी बावजूद उसके दोनो ही महिला अधिकारी कलेक्टर, तथा आरटीओ ने शोषण का शिकार हुई महिला की पीड़ा  समझना मुनासिब नहीं समझा। महिला ललिता अपने साथ ही बसों में सफर करने वाली गरीब, मध्यम वर्ग की महिलाओं को शोषण से बचाने न्याय की गुहार लगा न्याय की प्रतीक्षा में भटक रही हे।


आरटीओ ने झाड़ा पल्ला।

महिला ललिता ने अभद्रता व बस में मनमाना किराया वसूलने की शिकायत करने के बाद परिवहन अधिकारी से कार्यवाही की चर्चा की तो बजाय आरटीओ ने न्याय दिलाने ओर यात्री बस तथा चालक,परिचालक पर कार्यवाही करने के पल्ला झाड़ते हुए कह दिया की आपके साथ बस में बदतमीजी हुई हे तो पुलिस में शिकायत कीजिए हम कुछ नहीं कर सकते। गोरतलब ही की जिले की सड़को पर  डोरे रही यात्री बसों में न तो किराया सूची हे और न ही इमरजेंसी द्वार है किसी किसी बस में हे भी तो यात्रा किराया सूची अत्यंत ही छोटे अक्षरों में होती जो दिखाई ही नहीं देती ओर इमरजेंसी द्वार बस के आखरी हिस्से की खिड़की को बनाकर मात्र लिखा हुआ होता हे इमरजेंसी द्वार। यही नहीं कितनी ही बसे ऐसी हे जो कंडम होकर फिट नहीं ही बावजूद भ्रष्ट परिवहन विभाग से फिटनेस प्रमाणपत्र  ले कर दौड़ रही। ओर जिला का परिवहन विभाग दलालों की दलाली के दल दल में फसा हुआ उचित कार्यवाही करने हेतु असहाय बना हुआ है।

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