कृष्णकांत दौहरे रिपोर्टर,
गौभूमि समाचार सीहोर,/आष्टा। 40 वर्षो से अधिक समय से संचालित होने वाले नगर के प्रायवेट पुष्प कल्याण हॉस्पिटल बंद होने से क्षेत्र के मरीज इधर उधर भटक रहे हैं, अतः अब नागरिकों ने आवाज उठाते हुए बंद हॉस्पिटल को पुनः खोलने के लिए सीहोर कलेक्टर के नाम आष्टा नायब तहसीलदार को ज्ञापन दिया हैं। ज्ञापन देते समय कहा की प्रायवेट पुष्प कल्याण हॉस्पिटल आष्टा जहाँ विशेष रूप से जहरीले जानवरों साँप, दिवड, बिच्छू, गोयरा के काटने पर उचित उपचार किया जाता था, जिसमें कई ऐसे हजारों मरीजों का उपचार कर नया जीवन मीला हैं, इसी जादुई उपचार के चलते यह अस्पताल में सीहोर जिले सहित अन्य दूरदराज से उपचार के लिए व्यक्ति आते हैं। वह गरीब, दिहाडी व्यक्ति जो खेत खलिहान में काम करते समय जहरीले जानवर काट लेते थे, तो सिर्फ सिर्फ आष्टा के इस अस्पताल की आस रहती थी, लेकिन बोते दिनों राजनीतिक दबाव में हॉस्पिटल के लाइसेंस निरस्त करने के कारण अस्पताल बंद हो गया है। जिससे अब जहरीले जानवरों के शिकार मरीजों को अन्य जगह इधर उधर भटकना पड़ रहा है। ऐसे में उपचार ना मिलने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है, बंद हॉस्पिटल को देखते हुए सोशल मीडिया पर इसे चालू कराने की आवाज बुलंद होते हुए अब लोग सड़कों पर भी उतर आए हैं। नागरिको ने आष्टा तहसील में ज्ञापन देकर अस्पताल खोलने की मांग की है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि विगत दिनों आष्टा निवासी प्रतीक्षा शर्मा का प्रसव अवस्था में इलाज के दौरान पुष्प कल्याण हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी। पीड़ित परिजनों व अन्य लोगों के धरना आंदोलन और राजनीतिक दबाव के कारण अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर उसे बंद कर दिया था। नागरिकों ने बताया कि पुष्प हॉस्पिटल में साधारण इलाज के अलावा जहरीले जानवरों के काटने का इलाज भी किया जाता है। लेकिन अस्पताल बंद होने से ऐसे मरीज जो जहरीले जानवर के काटने का शिकार है, वह अब इलाज के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। इलाज ना मिलने से यही व्यक्तियों की मृत्यु होगी। वही मानवीय संवेदना के आधार पर क्षेत्र के ग्रामीण, किसानों, मजदूरों की जहरीले जंतुओं से जान बचाने के लिए उसको हॉस्पिटल को खोलने के आदेश जारी किए जाएं। ज्ञात रहे कि मृतक प्रतीक्षा शर्मा की मौत के मामले में धरने पर बैठे परिजनों और राजनीतिक दबाव के चलते सीहोर जिला प्रशासन ने अस्पताल के लाइसेंस को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद से सोशल मीडिया से लेकर नगर के चौक चौराहो पर अस्पताल के लाइसेंस निरस्त को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके थे। नागरिको ने अस्पताल खोलने के लिए प्रशासन को ज्ञापन भी दिया है, देखना होगा कि अब शासन प्रशासन क्या क्षेत्र के बाशिंदों की मांगों को देखते हुए हॉस्पिटल खोलने की परमिशन देता है या राजनीतिक दबाव में नागरिकों की आवाज को नही सुना जाएगा ।
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