Saturday, 8 February 2020

मप्र / आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद सनातन धर्म को बिगाड़ने का कार्य कर रहे, अयोध्या में रामभक्त करें मंदिर निर्माण : स्वरूपानंद


  • स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते हैं

  • भगवान शिव ने जिस स्वरूप के दर्शन भगवान राम के किए थे, उसी रामलला की प्रतिमा स्थापित होना चाहिएनरसिंहपुर। ज्योतिष एवं द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि केन्द्र सरकार मंदिर नहीं बना सकती, इसका निर्माण केवल राम भक्त ही कर सकते हैं। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) को सनातन धर्म को बिगाड़ने का कार्य कर रहे हैं। ये बात स्वामी स्वरूपानंद ने शनिवार को नरसिंहपुर जिले के झोंतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही।

    स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते हैं। ट्रस्ट में किसी को रखने पर कोई आपत्ति नहीं है, उन्हें तो ट्रस्ट बनाने पर ही आपत्ति है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के स्वरूप का खुलासा होना चाहिए, किस तरह का मंदिर बना रहे है। उन्होने कहा कि भगवान शिव ने जिस स्वरूप के दर्शन भगवान राम के किए थे, उसी रामलला की प्रतिमा स्थापित होना चाहिए।


    उन्होंने कहां कि यदि अध्योध्या में भगवान राम का मंदिर सनातन धर्म के अनुरूप निर्मित कराया जाता है, तो वह आम भक्तों की तरह दर्शन करने के लिए अवश्य जाएंगे। उनका कहना है कि यहां पर भव्य मंदिर रामलला का बनना चाहिए क्योंकि उच्चतम न्यायालय में रामलला की जीत हुई है। सरकार की जीत नही हुई है। इसलिए रामलला का भव्य मंदिर रामजन्मभूमि अध्योया में भक्तों के सहयोग से बनना चाहिए।




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