रीवा। रीवा जिले के युवाओं की रोजगार के लिए पहली प्राथमिकता है कि वह जिले से बाहर नहीं जाना चाहते। यहां पर बेहतर विकल्प नहीं होने के बावजूद बाहर नौकरी के लिए जाने में हिचकिचा रहे हैं। रीवा जिले में भी रोजगार के लिए वह सोलर पॉवर प्लांट और सीमेंट कंपनियों में काम करने की इच्छा रखते हैं। यह खुलासा युवाओं के कैरियर काउंसलिंग के आंकड़ों पर हुआ है। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए सीआइआइ माडल कैरियर व स्किल सेंटर में पंजीकृत युवाओं से रोजगार के लिए उनकी पसंद पूछी गई, जिसमें वह सोलर पॉवर प्लांट बदवार और सीमेंट कंपनियों में ही नौकरी की मांग कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी युवा रहे हैं जो रीवा में कम वेतन पर काम करने को तैयार हैं लेकिन अपने जिले के बाहर नहीं जाना चाहते। यही आंकड़ा संभाग के सतना और सीधी के युवाओं का भी है। विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए कैरियर व स्किल सेंटर में बेरोजगार युवाओं का पंजीयन कर उनकी काउंसिलिंग की जाती है। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराए जाते हैं। बताया गया है कि इस सेंटर में न्यूनतम सात दिन की स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है। जिसके बाद अधिकांश युवा स्वयं का छोटे स्तर पर ही कारोबार प्रारंभ करने लगे हैं।
- अब तक 8500 पंजीयन हो चुके
विश्वविद्यालय में चल रहे सीआइआइ माडल कैरियर एवं स्किल सेंटर में अब तक रीवा संभाग के 8500 युवाओं का पंजीयन कराया जा चुका है। इसमें करीब बीस फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं। सेंटर के प्रबंधक शिवेश मिश्रा ने कहा है कि इन पंजीकृत अभ्यर्थियों में ३१०० को अलग-अलग स्थानों पर रोजगार भी प्राप्त हो चुका है। अधिकांश रोजगार की संभावनाएं असंगठित क्षेत्र में हैं, इसलिए स्थानीय स्तर पर भी डिमांड बढऩे लगी है। करीब दो दर्जन से अधिक की संख्या में स्थानीय एवं राष्ट्रीय कंपनियों के साथ टायअप है और यहां के युवाओं को वह अपने यहां रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
- डीएमएफ मद से हो रहा संचालन
जिले में युवाओं को रोजगार से जोडऩे की लगातार उठ रही मांगों के चलते करीब डेढ़ वर्ष पहले अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कैम्पस में सीआइआइ माडल कैरियर एवं स्किल सेंटर की स्थापना हुई थी। इसका संचालन डिस्ट्रिक माइजिंग फंड(डीएमएफ) के तहत हो रहा है। बीते कुछ समय से इस केन्द्र का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है। सरकार की ओर से कोई नया निर्देश इसके लिए जारी नहीं किया गया है।
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